दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है, जहां साइबर क्राइम होने के बाद शत-प्रतिशत केस सॉल्व हो रहे हों। ऐसे में साइबर क्राइम से बचाव का एक मात्र रास्ता है... खुद की सजगता। आज के दौर में लोग स्मार्ट मोबाइल तो रखते हैं, लेकिन खुद स्मार्ट नहीं होते। ऐसे में साइबर ठग को मौका मिलेगा ताे वह ठगेगा ही। सोशल मीडिया के अधिकांश प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध टू स्टेप ऑथेंटिकेशन और कुछ सामान्य जानकारी से भी लोग साइबर क्राइम से बच सकते हैं।
यह बात कहते हुए जाने-माने साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी ने साइबर फ्रॉड से बचने के तरीके बताए। मौका था होटल पार्क प्लाजा में दैनिक भास्कर, जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट, रोटरी क्लब मिडटाउन और एसबीआई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित जागरूकता अभियान के आगाज का। माय एफएम और जोधपुर नगर निगम की सहभागिता में शुरू किए गए कार्यक्रम में पुलिस आयुक्त प्रफुल्ल कुमार ने मुहिम के बैनर का विमोचन किया। होटल पार्क प्लाजा के निदेशक सुनील तलवार ने चौधरी का स्वागत किया। मुख्य वक्ता चौधरी ने बताया कि देश के अलग-अलग राज्यों में बैठे शातिरों को भी हैकिंग का कोई खास ज्ञान नहीं है। इसके बावजूद वे लोगों को अपनी बातों में उलझाकर बेहद आसान तरीके से ठग रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है लोगों में जागरूकता का अभाव। कोई अनजान आपको झांसा देता है और आप उसके लिए अपने घर के दरवाजे खोल देते हैं, यानी खाते या कार्ड से जुड़ी जानकारी उन्हें बता देते हैं। साइबर क्राइम के मौजूदा कानून में भी अभी बहुत सुधार की आवश्यकता है। तब तक आपको खुद ही अपनी सुरक्षा करनी होगी।
बढ़ रहा है साइबर क्राइम: कमिश्नर
हर शहर-जिले में क्राइम बढ़ रहा है, लेकिन साइबर एक तरह से एपेडमिक बन गया है, जो लगातार बढ़ रहा है। इसको हल करने के लिए हम अभी स्ट्रग्ल`कर रहे हैं। टेक्नोलॉजी से हमें फायदा है, लेकिन उसके नुकसान भी बहुत हैं। जरूरत है अवेयरनेस की। पिछले चार-पांच साल में साइबर क्राइम में भी परिवर्तन हुआ है। पहले मेल पर धमकी और सोशल मीडिया अकांउट हैक करने जैसे क्राइम हो रहे थे। इनसे आमजन ज्यादा प्रभावित नहीं थे, लेकिन अब साइबर क्राइम का स्तर बढ़ गया है और आमजन भी इससे अधिक प्रभावित हो रहा है। इसका कारण है लेक ऑफ नॉलेज और लालच। कोई भी हमें फोन करके कहता है लॉटरी निकली है और हम उसको अपनी सारी पर्सनल जानकारी दे देते हैं। इससे बचने के लिए सतर्क रहने की जरूरत है और सतर्कता अवेयनेस से ही आएगी। इसलिए ऐसे अवेयनेस प्रोग्राम की बहुत अधिक और हर स्तर पर आवश्यकता है।
जरूरत नहीं ताे एटीएम काे योनो से बंद कर दें
एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक टीकम सिंह गहलोत ने कहा कि साइबर क्राइम में बैंक का छोटा सा हिस्सा होता है। इससे बचने के लिए किसी काे भी अपनी जानकारी साझा न करें। एटीएम कार्ड से पैसे निकालते समय किसी को अपना पासवर्ड न बताएं। एसबीआई यूजर योनो एप का इस्तेमाल कर साइबर क्राइम से बच सकते हैं। इसमें बिना कार्ड के 20 हजार तक का ट्रांजेक्शन होता है। जब आपको एटीएम यूज नहीं करना है तो एप में जाकर उसे बंद रख सकते हैं, जिससे साइबर ठगी से बचा जा सकता है।
स्कूल, कॉलेज या संगठन भी भास्कर के इस अभियान से जुड़ सकते हैं
अभियान के तहत स्कूल, कॉलेज, सरकारी व निजी संस्थानों के साथ प्रोफेशनल, विभिन्न व्यापारिक, औद्योगिक संगठनों के साथ सेमीनार का आयोजन किया जाएगा। स्कूलों में बच्चों को जागरूक किया जाएगा, ताकि वे अपने अभिभावकों को ऑनलाइन लेनदेन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां उचित तरीके से समझा कर सकें। जागरूकता अभियान से जुड़ने के लिए वॉट्सएप नंबर 7220999777 पर मैसेज कर सकते हैं।