होम आइसोलेशन का मतलब यह नहीं कि इसका पालन करने वाला कोरोना का मरीज है, बचाव के लिए यह जरूरी

कोरोनावायरस के खौफ के बीच क्वारेंटाइन शब्द को केंद्र सरकार ने अपनी एडवाइजरी में शामिल किया है। क्वारेंटाइन का मतलब घर, अस्पताल, फार्म हाउस, होटल, जैसी जगहों पर व्यक्ति को आइसोलेट कर देना होता है। जिससे शख्स लोगों के संपर्क में न आए। इस दौरान मरीज को 14 दिनों तक आने जाने या फिर किसी और से संपर्क करने से रोका जाता है। यह कोरोनावायरस से बचाव का एक तरीका भी है। इससे जुड़े कई सवालों के जवाब भोपाल के स्टेट कोरोना कोऑर्डिनेटर डॉ. लोकेंद्र दवे ने दिए हैं। जानिए क्वारेंटाइन में क्या करें और क्या न करें...


#01) क्वारेंटाइन होम आइसोलेशन किनके लिए जरूरी है?
ऐसे लोग, जो कोरोना संक्रमित देश, प्रदेश अथवा शहर से आए हैं। यह लोग भले ही स्वस्थ हों, लेकिन कोरोना वायरस के कॅरियर अथवा मरीज हो सकते है। इन्हें नजदीकी अस्पताल में जांच कराना चाहिए। इसका वायरस 14 दिन तक ग्रो कर सकता है, इसलिए इन लोगों को घर में एक आइसोलेट होने की जरूरत है। अगर संबंधित व्यक्ति के पास घर में आइसोलेशन के लिए स्थान नहीं है। वह क्वारेंटाइन सेंटर में रह सकता है।


#02) होम आइसोलेट होने पर क्या करें?



  • 14 दिन की अवधि उसी कमरे में बिताना है। 

  • परिवार के लोग यदि मिलना चाहें तो दो मीटर की दूरी से मिली। क्वारेंटाइन पेशेंट मास्क या रुमाल मुंह पर लगाएं। 

  • हाथों को बार-बार साबुन पानी से धोते रहें। 

  • खुद में कोरोना के लक्षणों को देखें, कहीं कोई लक्षण डेवलप तो नहीं हो रहा। अगर गले में खराश हो, सर्दी-खांसी हो, बुखार जैसा लगे तो तत्काल अस्पताल में जांच कराने जाएं। 

  • होम आइसोलेशन अथवा क्वारेंटाइन में रखने का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यक्ति कोरोना का पॉजिटिव अथवा संदिग्ध मरीज है। इसलिए घबराएं नहीं। बेझिझक बताएं कि मैं क्वारेंटाइन पीरियड में हूं। मुझसे आप दूर रहें। 


#03) होम आईसोलेशन से होता क्या है?
कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है अथवा वायरस की कॅरियर स्टेज में है। ऐसे व्यक्ति का होम आइसोलेशन करने पर वायरस की संक्रमण की कड़ी ब्रेक होती है।


#04) परिवार व आस पड़ोस के लोग क्या करें?



  • जिस व्यक्ति को क्वारेंटाइन में रखा गया है। उसके प्रति दुर्भावना न रखें। वह हमारी बेहतरी के लिए है।

  • संबंधित व्यक्ति को मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित न करें। यह बहुत आपत्तिजनक है।

  • जिस व्यक्ति के घर के बाहर होम क्वारेंटाइन का बोर्ड लगा हो, उसका फोटो खींचकर, सोशल मीडिया पर पोस्ट न करें। क्योंकि संबंधित मकान में रह रहा व्यक्ति केवल निगरानी में है। वह बीमार नहीं है।


#05) इस दौरान क्या कतई न करें?



  • क्वारेंटाइन में रह रहे व्यक्ति से सहानुभूति रखें । लेकिन, उत्साह में उससे गले न मिलें। हाथ न मिलाएं। 

  • जो संदिग्ध मरीज किराए गए मकान में रह रहे हैं और उन्हें क्वारेंटाइन में रहने कहा गया है तो संबंधित से मकान खाली करने को न कहें। वह किसी एसी बीमारी का मरीज नहीं है, जो हवा से फैलती हो। 


#06) हॉस्पिटल में क्यों क्वारेंटाइन में रखा जाता है?
जिन लोगों को घर में आइसोलेशन में रहने की सुविधा ना हो या संबंधित की विश्वसनीयता पर संदेह हो कि वह होम आइसोलेशन के नियमों का पालन नहीं करेगा। ऐसे व्यक्तियों को


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