भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) का नाम सामने आते ही जो एक शब्द जेहन में आता है, वो है यॉर्कर (Yorker). छोटे से गेंदबाजी एक्शन से फेंकी गई उनकी घातक यॉर्कर अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों के पांव उखाड़ देती है. जसप्रीत बुमराह के बारे में तो यहां तक मशहूर है कि उनकी ही टीम का कोई भी साथी नेट प्रैक्टिस के दौरान उनका सामना नहीं करना चाहता. मगर अब जसप्रीत बुमराह की यॉर्कर को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. और ये खुलासा किसी और ने नहीं, बल्कि खुद जसप्रीत बुमराह ने ही किया है.
भारतीय टीम की तेज गेंदबाजी के मुख्य हथियार जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) में मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) के लिए खेलते हैं. वही मुंबई इंडियंस जिसके नाम आईपीएल (IPL) में सर्वाधिक चार खिताब जीतने का रिकॉर्ड भी है. खास बात ये है कि मुंबई को ये खिताब दिलाने में जसप्रीत बुमराह और श्रीलंकाई दिग्गज गेंदबाज लसित मलिंगा (Lasith Malinga) की गेंदबाजी का अहम योगदान है. बुमराह की यॉर्कर के बारे में जब भी बात होती है तो ये बात जरूर सामने आती है कि उनकी यॉर्कर फेंकने की काबिलियत में मलिंगा का अहम योगदान है. मगर अब बुमराह ने खुद ही इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है.
दरअसल, हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) ने कहा, 'अधिकतर लोगों का मानना है कि मुझे लसित मलिंगा (Lasit Malinga) ने यॉर्कर (Yorker) सिखाई, जो सच नहीं है. उन्होंने मुझे मैदान पर कुछ भी नहीं सिखाया. मैंने सिर्फ उनसे सिर्फ एक चीज सीखी है और वो दिमाग के बारे में हैं. अलग-अलग हालात का सामना कैसे करना है. बल्लेबाज के लिए कैसे योजना बनानी है और गुस्से पर काबू कैसे पाना है.' यॉर्कर को लेकर बुमराह ने कहा, 'ये खेलने के बारे में नहीं है. मैं टीवी पर क्रिकेट देखा करता था. जब भी गेंदबाज विकेट लेते थे या तेज गति से गेंद फेंकते थे तो मुझे बहुत मजा आता था. मैंने सोच लिया कि मैं यही करना चाहता हूं. मैं अपने दिमाग में खुद को ब्रेट ली समझता था. कभी इस तरह गेंदबाजी करता तो कभी किसी दूसरी तरह. मैं अपने आदर्श गेंदबाजों की नकल करता था.'
सड़क पर ऐसे की यॉर्कर की तैयारी
जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) ने बताया कि उन्होंने गली क्रिकेट में यॉर्कर (Yorker) की तैयारी किस तरह की. उन्होंने कहा, 'हमारे पास रबड़ की गेंद होती थी तो बेहद सख्त थी और उस पर सीम भी अंकित होती थी. ये गेंद काफी स्विंग होती थी. हम पिच पर नहीं खेलते थे इसलिए कोई सीम मूवमेंट नहीं होती थी और विकेट के पीछे कैच आउट होने की संभावना भी नहीं थी. ऐसे में मैं जितना अधिक हो सके बल्लेबाजों को फुल लेंग्थ पर गेंद फेंकने की कोशिश करता था. अगर आपको विकेट चाहिए तो यॉर्कर फेंकनी होती थी. मेरा मानना है कि इस अनुभव ने मुझे समझदार बनाया.'
ये किस्सा भी कम मजेदार नहीं
जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) जब सिर्फ 12 साल के थे तो गर्मियों की दोपहर में घर के अंदर ही बॉलिंग प्रैक्टिस करते थे. हालांकि जब ये गेंदबाज घर के अंदर बॉलिंग करता था तो उससे काफी आवाज होती थी, जिससे उनकी मां की नींद में खलल पड़ता था. बार-बार आती आवाज से परेशान होकर बुमराह की मां ने उनके सामने एक शर्त रखी. मां ने कहा कि वो बुमराह को तभी घर के अंदर खेलने देंगी जब वो गेंद से कम से कम आवाज करें. 12 साल के बुमराह ने इसका गजब हल निकाला. बुमराह (Jasprit Bumrah) गेंद का टिप्पा उस जगह पर मारने लगे जहां फर्श और दीवार का निचला हिस्सा आपस में मिलता था. इसकी वजह से आवाज भी कम होती थी और देखते ही देखते बुमराह की यॉर्कर भी परफेक्ट हो गई.
अपने दम पर हासिल की कामयाबी
जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने दम पर कामयाबी हासिल की है. प्रोफेशनल क्रिकेटर बनने से पहले उन्होंने सिर्फ एक बार कोचिंग ली थी और वो भी स्कूल के कैंप में. इस बारे में बुमराह ने बताया, 'मैंने अपनी पूरी क्रिकेट टीवी से सीखी है. यहां तक कि अब भी मैं वीडियो देखता हूं और फीडबैक लेकर खुद ही अपनी तैयारी करता हूं. ठीक उसी तरह जैसे कि मैं चाहता हूं. मैं खुद का विश्लेषण करने की कोशिश करता हूं. ऐसा इसलिए क्योंकि क्रिकेट के मैदान पर मैं अकेला होता हूं. वहां कोई भी आपकी मदद के लिए नहीं होता, इसलिए अपनी मदद मुझे खुद ही करनी चाहिए.'