अविभाजित भारत का एक हनुमान मंदिर बंटवारे में पाकिस्तान के हिस्से में चला गया। कराची शहर में मौजूद पंचमुखी हनुमान का ये मंदिर बहुत चमत्कारी माना जाता है। ये मंदिर अपने आप में अलग और अनोखा है। कराची के इस हनुमान मंदिर का इतिहास बहुत ही पुराना है। कहा जाता है कि इस मंदिर की पंचमुखी हनुमान मूर्ति हजारों साल पुरानी है।
कुछ जगह पर उल्लेख मिलता है कि भगवान राम भी इस जगह एक बार आ चुके हैं। इस ऐतिहासिक मंदिर में हनुमानजी के दर्शन के लिए सुबह से शाम तक भक्तों की भीड़ लगी रहती है।माना जाता है कि जिस जगह पर यह मंदिर है, वहां से 11 मुट्ठी मिट्टी हटाने पर यह पंचमुखी हनुमान मूर्ति प्रकट हुई थी। इस मंदिर का और अंक 11 का गहरा संबंध है। इस मंदिर में भगवान हनुमान की 11 परिक्रमा लगाने पर भक्तों की सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं और उनकी सारी इच्छाएं पूरी होती है।
1882 में किया गया था मंदिर का पुनर्निर्माण
मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर कई लाख साल पुराना है, लेकिन आज का जो मंदिर है उसका इतिहार 18वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है। इस मंदिर का वर्ष 1882 में पुनर्निर्माण किया गया था।
पंचमुखी हनुमान मंदिर के आस-पास घूमने की जगह
1. स्वामीनारायण मंदिर- कराची में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का स्वामीनारायण नाम का मंदिर है।
2. माता मंदिर- कराची में हनुमान मंदिर से कुछ दूरी पर ही मां काली का मंदिर है।