जिसने जन्म लिया है, उसे एक दिन अवश्य ही मरना है, इसीलिए गलत कामों से बचें

बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के जीवन के कई ऐसे प्रसंग हैं, जिनमें सुखी और सफल जीवन के सूत्र बताए गए हैं। अगर इन सूत्रों को अपना लिया जाए तो हम कई परेशानियों से बच सकते हैं। यहां जानिए मृत्यु से जुड़ा एक प्रेरक प्रसंग...



  • प्रसंग के अनुसार एक महिला के बेटे की मृत्यु हो गई तो वह पागल सी हो गई और अपने पुत्र का शव लेकर गौतम बुद्ध के पास पहुंची। रोते हुए बोली कि तथागत मेरा ये एक ही बेटा है, यही मेरे जीवन का आधार है, अगर ये न रहा तो मेरा जीवन व्यर्थ है। कृपया इसे जीवित कर दें।

  • गौतम बुद्ध ने कहा कि ठीक है मैं तुम्हारे बेटे को जीवित कर दूंगा, लेकिन इससे पहले तुम्हें मेरा एक काम करना होगा। तुम गांव में से किसी ऐसे घर से मुट्ठी भर अनाज ले आओ, जहां कभी भी किसी की मृत्यु न हुई हो।

  • महिला ने सोचा कि ये तो छोटा सा काम है। मैं अभी ऐसा घर खोजकर अनाज ले आती हूं। एक-एक घर जाकर कहने लगी कि अगर तुम्हारे घर में किसी की मृत्यु न हुई हो तो मुझे एक मुट्ठी अनाज दे दो। सुबह से शाम हो गई, लेकिन उसे गांव में ऐसा एक भी घर नहीं मिला, जहां कभी किसी की मृत्यु न हुई हो।

  • महिला को समझ आ गया कि मृत्यु से कोई बच नहीं सकता है। एक दिन सभी को मरना ही है। वह तुरंत ही गौतम बुद्ध के पास लौट आई। उसने बुद्ध से कहा कि आप मेरे बेटे को जीवित न करें, लेकिन मुझे जीवन और मृत्यु का रहस्य समझाएं।

  • बुद्ध ने कहा कि मैंने तुम्हें घर-घर इसीलिए भेजा था, ताकि तुम्हें मृत्यु की सच्चाई मालूम हो सके। जिसने जन्म लिया है, उसे एक दिन अवश्य ही मरना है। इसीलिए व्यक्ति को गलत कामों से बचना चाहिए। गलत कामों की वजह से जीवन में अशांति रहती है। महिला को बुद्ध की बात समझ आ गई और वह उनकी शिष्या बन गई।