दूसरों को अपनी गलती का दोष न दें, क्षमा मांगने में शर्म नहीं करनी चाहिए

जाने-अनजाने हम कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिनकी वजह से दूसरों को दुख होता है। ऐसी बातों की वजह से हमें बाद में पछताना पड़ता है। अखिल भारतीय गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के अनुसार जानिए ऐसी परिस्थितियों में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इन बातों का ध्यान रखेंगे तो मन में शांति रहेगी और सुख बना रहेगा...



  • खुद को माफ करने से पहले ये जान लें कि आपने क्या किया था। दूसरों को अपनी गलती का दोष देने से बचें। हमें सिर्फ खुद पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अपनी गलती सुधारने के बारे में सोचना चाहिए।

  • माफी मांगना आसान नहीं होता, लेकिन अगर आप किसी से माफी मांगने के लिए पहल करते हैं तो ये दर्शाता है कि आपसे गलती हुई थी और आप उसके लिए शर्मिन्दा हैं। इस तरह आप वैसी गलतियों को दोहराने से बच जाते हैं। कभी भी क्षमा मांगने में शर्म नहीं करनी चाहिए। इससे हमारा अहंकार खत्म होता है।

  • कभी-कभी हम खुद को अपनी गलतियों के लिए माफ नहीं कर पाते हैं। स्वयं को माफ करना एक बार में ही संभव नहीं है, यह धीरे-धीरे समय के साथ होता है। इसीलिए जब भी आपके मन में नकारात्मक विचार आए तो उन्हें गहरी सांस लेकर उसी समय त्याग दें। अपना ध्यान किसी और काम में लगा लें।

  • अपनी किसी गलती के बाद शर्म से छिप जाना सही नहीं है। अपनी गलती के बाद हम अपने खास लोगों से नजरें मिलाने में झिझकते है, क्योंकि हमें डर होता है कि कहीं वह मुझे पिछली बात याद न दिला दे। ऐसी स्थिति में जैसे ही हम उनसे मिलेंगे तो हमारी कई परेशानियां तुरंत खत्म हो जाएंगी।

  • अपनी गलतियों के प्रति आभारी होना आपको बिलकुल विचित्र लगेगा खासकर वैसी गलतियां, जिनसे आपको शर्मिंदगी महसूस हुई हो या दुःख पहुंचा हो, लेकिन अगर आप इन पर ध्यान देंगे तो पाएंगे कि ऐसी गलतियों ने आपको कितना मजबूत किया है। आप ये देख पाएंगे कि इन्ही गलतियों की वजह से ही आप अधिक बुद्धिमान, मजबूत और विचारशील हो गए हैं।